मेरी संपत्ति तूं उसका मालिक भी तूं
लूंट गया भी तो क्या छूट गया भी तो क्या
तूं है तो मैं हूं मेरा होना भी तूं
मेरा मालिक है तूं.... मेरा मालिक है तूं
मेरी आरजू भी तूं उसे जगाता भी तूं
दर्द मिला भी तो क्या चैन गया भी तो क्या
तूं है तो मैं हूं मेरा होना भी तूं
मेरा मालिक है तूं... मेरा मालिक है तूं
मेरी हिदायत है तूं उसका प्रमाण भी तूं
बंधन बंधा भी तो क्या रिश्ते रुठे भी तो क्या
तूं है तो मैं हूं मेरा होना भी तूं
मेरा मालिक है तूं... मेरा मालिक है तूं
मेरी पहचान भी तूं उसे देता भी तूं
मिलाएं भी तो क्या जुदाई देता भी तो क्या
तूं है तो मैं हूं मेरा होना भी तूं
मेरा मालिक है तूं... मेरा मालिक है तूं
मेरी सांसों में भी बसा तूं उसे छिन लेगा भी तूं
जीना आएं तो भी क्या जान जाएं तो भी क्या
तूं है तो मैं हूं मेरा होना भी तूं
मेरा मालिक है तूं... मेरा मालिक है तूं