( कविता ) ( पान खाने वाला )
किसी देश की एक शहर में
मेयर ने ऐसा नियम लाया है
वहां पर सर - सफाई करने की
जोरदार अभियान चलाया है
इतने में एक शख्स मुंह में
पान चबा रहा
सड़क पर पिच पिच थूक कर
चलता जा रहा
थोड़ी देर में पुलिस को वह
शख्स नजर आया
उसे पकड़ उसने
उसको समझाया
अरे भाई पान
चबाते हो
चबा कर थूकना ही
है तो उसे क्यों खाते हो ?
पान वाला - पान चबा कर कोई
निगल नहीं सकता है
पान खा कर तो
थूकना ही पड़ता है
पुलिस वाला- पान चबा कर फिर उसे थूक
पूरा सड़क गंदा कर दिया है
तुमने तो कानून का
सीधा उलंघन किया है
सड़क पर इधर उधर
ध्यान से देखते
पान खाते हो खाओ
मगर उसे डस्टविन में थूकते
पान वाला - हजूर पान खाऊंगा तो
सड़क पर ही थुकूंगा
उस बखत डस्टविन
थोड़ी देखूंगा ?
वैसे भी एक डस्टविन
एक कि. मी. अगाडी
दूसरा डस्टविन
एक कि. मी. पीछाडी
पान तो मैं खाता हूं
जरूर खाऊंगा
पान खा कर थूकने के लिए
इतना दूर थोड़ी जाऊंगा ?
पुलिस वाला - कानून से सभी को डरना
चाहिए अरे तुम भी डरो
थूक कर तुमने सड़क गंदा किया
इसीलिए सौ रुपए फाइन भरो
पान वाला - पैसे तो हरगिज दूंगा नहीं
उस से तो पान खरीद खाऊंगा
सौ रुपए में तो दो चार
दिन मजे से पान चबाऊंगा
इस देश में पहले
से ही है लोकतंत्र
मैं इसी देश का नागरिक
मैं भी तो हूं स्वतंत्र
पुलिस वाला - देश स्वतंत्र है इसका
मतलब अपनी मर्जी करेगा.....?
चल चल थाने वहां जाएगा
मार खाएगा तभी डरेगा
चल चल थाने वहां जाएगा
मार खाएगा तभी डरेगा.......
message : हम लोग सभी
मिल कर आगे आएं
कर कर सर- सफाई
अपना गांव शहर सुंदर बनाएं
कर कर सर- सफाई
अपना गांव शहर सुंदर बनाएं.......