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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

एक ख़ूबसूरत कलम

एक ख़ूबसूरत कलम
कहाँ से लाएँ….ऐसी कलम,
कैसे लिखें….ऐसी कविता।

कहाँ से लाएँ मन की वह सुन्दरता,
कि कविता की पंक्तियाँ
सुहावनी सीपियाँ बन जाएँ,
जिसमें छिपे मोती
झाँक झाँक कर सबको पुकारें ।

कहाँ से लाएँ वाणी की ऐसी मधुरता,
कि प्रत्येक शब्द अमृतमय हो जाए,
जिसकी जल सी धारा
सबके मन को भिगोती चली जाए ।

कहाँ से लाएँ मनमोहक उपमाएँ,
कि कविता की हर पंक्ति
घनी फैली बेलें बन जाएँ,
जो सबकी भावनाओं की तरंगों को छेड़कर
सुंदर साज़ बजाए।

कहाँ से लाएँ….ऐसी कलम,
कैसे लिखें….ऐसी कविता।
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

जिस तरह और जिस कलम से ये अद्भुत और लाजवाब रचना लिखी है ,उसी तरह अपने मन के विचार प्रवाह को एक निश्चित और इच्छित दिशा प्रदान कीजिए, आपके दिमाग में एक व्यक्ति हर समय मौजूद और क्रियाशील रहता है, जिसे मनोविज्ञान की भाषा में "मेंटल मैन" कहते हैं, वह न केवल हमसे बात करता है बल्कि नए-नए क्रिएटिव आइडियाज भी प्रदान करता है और हमारे विचारों और भावों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान भी देता है। आशा है अपने मन का सही इस्तेमाल करेंगी और बेहतरीन से बेहतरीन गजल पेश कर सकेंगी, इस खूबसूरत रचना के लिए आपको सादर नमस्कार।

वन्दना सूद replied

आपका धन्यवाद sir
बिल्कुल आपके कहे अनुसार कोशिश जारी रहेगी 😊🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह! वन्दना मेम 👌ये है उत्कृष्ट कविता,ऐसी रचना पढ़कर हमें भी प्रेरणा मिलती है। साहित्य के पटल को गौरवान्वित करती ये कविता एक शाश्वत कल्याणकारी संदेश से परिपूर्ण है। शब्दों की सुंदर मणिमय सजावट, वाकई सराहना के लिए शब्द कम पड़ बंध रहें हैं। सादर प्रणाम 🙏🌹

वन्दना सूद replied

sir इतने भारी भरकम comment देकर अहम् की तरफ़ ना धकेलिए 😊बस एक कोशिश करते रहते हैं कुछ सही लिखने की

सुभाष कुमार यादव said

उत्कृष्ट रचना। यही एक श्रेष्ठ रचनाकार की विशेषता है कि वह इतना सुंदर लिखने के पश्चात भी कह दे, कहाँ से लाएँ ऐसी कलम, कैसे लिखें ऐसी कविता।👌👌🙏🙏

वन्दना सूद replied

sir ऐसा नहीं कहिए 🙏🙏शब्द हो या सोच हमारी कहाँ होती है ये तो कोई और ही करवा रहा है

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

सचमुच यही एक महान लेखक या अज़ीम शायर या शायरा की पहचान है कि उन्हें ख़ुद अपनी महानता या अज़मत का एहसास नहीं होता! वाह! बहुत ख़ूब! लाजवाब लिखा है आपने! 👌👌👏👏

वन्दना सूद replied

sir,ना सोच अपनी है और ना ही ये शब्द
अक्सर कोई कहता है
उठा कलम और आज ये लिख 😊

सुप्रिया साहू said

आपके पास वो कलम है, और कविताएं भी ला रही हैं, फिर भी पूछती हैं कि कहां से लाए ऐसी कलम...कहां से लाए ऐसी कविता...बहुत सुन्दर एवं बेहतरीन रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद replied

क्या कहें किसी spark की कमी रहती है

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