न जाने क्यों याद आते हैं,
जो मिलते नहीं वह बड़ा तड़पाते हैं,
नैनों के घाट लेकर,
जन्नत की सैर कराते हैं,
न जाने क्यों याद आते हैं...।।
दर्द-ए-दिल बयां नहीं कर पाते,
अपने दर्दों को आवाज़ दे जाते हैं,
बहा के समंदर में अपना अरमान,
किताबों में एक नई दुनिया बसाते हैं,
न जाने क्यों याद आते हैं...।।
- सुप्रिया साहू

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




