कविता : बगैर कपड़े के....
अगर ये पृथ्वी पर औरतें न होती
सिर्फ मर्द होते तो नंगा ही घूमते
मस्त खा पी कर कभी यहां कभी
वहां बगैर कपड़े के ही झूमते
मस्त खा पी कर कभी यहां कभी
वहां बगैर कपड़े के ही झूमते .......
netra prasad gautam