तुम अपनी छत पर जाती हो
मैं अपने छत पर जाता हूं
तुम मुझे नजर लगाती हो
मैं तुमें नजर लगाता हूं
तुम मुझे अच्छी लगती हो
मैं तुमें अच्छा लगता हूं
न तुम मेरे घर आ सकती हो
न मैं तुमारे घर आ सकता हूं
तुमें मेरे घर वालों से डर है
मुझे तुमारे घर वालों से डर है
उस तरफ तुमारा घर है
इस तरफ मेरा घर है
तुम मेरे लिए भटक रही हो
मैं तुमारे लिए भटक रहा हूं
तुम मेरे लिए तड़प रही हो
मैं तुमारे लिए तड़प रहा हूं
मैं तुमारे लिए तड़प रहा हूं.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




