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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कैसे अलविदा कहूं

श्रद्धांजली दिल से

कैसे अलविदा कहूं तुमको

तुम बसे हुए हो, मेरे तन मन में
कहो कैसे मैं जुदा करूं तुम को
अपने हर एक गीत व गजल से
मैं, कैसे अलविदा, कहूं तुम को

मैंने सांझा की, हर बात तुम से
नहीं जुदा थे ये जज्बात तुम से
हर एक दर्द सांझा किया है मैंने
हुई जब पहली मुलाकात तुमसे
किस से कहूंगा, मैं बात अपनी
मैं अब कैसे विदा करूं तुम को

जो खनखनाहट तेरी हंसी में थी
जो गर्माहट तेरे हंसी शब्दों में थी
दिलाती हैं रह-रह कर, तेरी याद
हर बार एक नई, बात कहती थी
तुम्हारी हर बात मे आर्द्र सर जी
मैं कैसे अब यूंही भुला दूं तुमको

गूंजती थी तेरी हरेक रचनाओं में
कभी गजल कभी, गीत बन कर
तुम्हारी चंचल शौख रचनाओं में
जैसे बजती हों शहनाई कहीं पर
इन सुलगती यादों, की चिता पर
बताओ कैसे विदा, करूं तुम को

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

लिखन्तु - ऑफिसियल said

🙏🙏

सरिता पाठक said

👌👌🙏🙏

सुप्रिया साहू said

🙏🙏😭💐

रीना कुमारी प्रजापत said

🥺🙏🙏

वन्दना सूद said

🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम भैया जी, आपने तो हमें रूला ही दिया। भगवान अशोक जी की आत्मा को शांति दे!! 🙏🙏🙏🙏🙏

इक़बाल सिंह “राशा“ said

🙏🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

🙏🙏🙏

फ़िज़ा said

सच कहा आपने इस प्रकार किसी को अलविदा कहना नामुमकिन है अल्लाह आपको और अशोक जी के परिवार को इस दुःख को सहन करने की क्षमता प्रदान करें

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