पाप और पुण्य के खेल में,
कुछ तो विचार करो।
कर्म अच्छे कर,
किसी का तो उद्धार करो।
हेरा फेरी करके,
भविष्य को उजाड़ दिया।
तूने सारे वजूद को,
खोखला कर दिया।
काली रात आ रही है,
काल घात लगाए बैठा है।
तूने हेर फेर कर दिया ।
मगर अंकी इंकी डंकी लाल,
मचा रखा है, बवाल।
नहीं रहा न्याय अन्याय का ख्याल।
बरस रहे हैं आसमान से अंगारे,
अब पूछ रहा है ईश्वर से, यह क्या कर दिया।