जो ना मिला उसका क्यों तू दुःख करता है,
जो मिला उसी से तू प्यार कर ।
जो ना मिला उसका क्यों इंतज़ार करता है,
जो मिलने वाला है उस पर जान क़ुर्बान कर।
चाहते हैं तेरे दुश्मन यही कि
तू इसी तरह दुःखी रहे,
फिर क्यों उनकी चाहत को पूरा तू करे।
जो मिला उसमें खुश रह और
इनकी चाहत को पूरा ना होने दे तू।
माना कि इस ज़िंदगी में
जो चाहो वो मिलता नहीं किसी को,
लेकिन जो मिला वो भी तो बुरा नहीं।
जो ना मिला उसका मलाल ना कर तू ज़िंदगी में,
जो मिला है उसी से खुद को आबाद कर।
----(रीना कुमारी प्रजापत)