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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इक़बाल सिंह “राशा” की कविता “ तेरे बिना”

ऐसा नहीं कि
अपना ज़माना नहीं आया,
पर तेरे बिना
हर सवेरा धुंधला रहा,
सूरज की तपिश में भी
मेरे मन की बर्फ़ नहीं पिघली।

चाँदनी उतरी तो लगा,
उसकी उजली चादर भी
मेरे लिए कफ़न बन गई है।
सितारे झिलमिलाए,
पर मेरे आँसुओं की परछाइयाँ
उनसे अधिक चमकीली रहीं।

फूल खिले—
हर बग़ीचा मुस्कुराया,
पर मेरी साँसों को
तेरे हाथों की खुशबू के बिना
कोई गंध भा ही न सकी।

पवन ने कई बार
मेरे बालों को छुआ,
जैसे कह रही हो—
“मैं भी तेरा सहारा बन सकती हूँ।”
पर मैं हर झोंके में
तेरे ही स्पर्श की तलाश करता रहा।

नदियाँ बहती रहीं,
सागर ने अपनी बाहें खोलीं,
पर मेरी प्यास
तेरे चरणों की धूल के बिना
कभी तृप्त न हो सकी।

ओ प्रीतम!
तेरी याद—
भूखी रोटी की तरह
मेरी आत्मा का अन्न है,
प्यासे रेगिस्तान में
एक बूंद का सपना है।

मैं हारता रहा हर रिश्ते से,
हर सहारे से,
क्योंकि—
तुझे छोड़कर
किसी और से निभाना
मुझे कभी आ ही नहीं सका।

—इक़बाल सिंह “राशा”
मनिफिट, जमशेदपुर, झारखण्ड




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर 👌

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! कमाल का सूफ़ियाना कलाम! आपकी तारीफ़ करने के लिए अल्फ़ाज़ कम पड़ते हैं! लाजवाब! बे-मिसाल! 👌👌👏👏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अतिसुंदर अतिसुंदर अति सुन्दर, सूरज, चांदनी, फूल,पवन, नदियां,सबका अस्तित्व शून्य बिना प्रियतम के। कविता की एक एक पंक्ति में जैसे खूबसूरत एहसासों की धाराएं बह रहीं हों। शब्द शब्द शानदार, जानदार, असरदार,वाह!!🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹

Lekhram Yadav said

प्यार और रूहानियत की बहुत खूबसूरत रचना, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌🙏🙏

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