कापीराइट गीत
खेल रही हैं सखियां सारी साजन के संग होली
यादें तेरी खेल, रही हैं संग मेरे आँख मिचौली
जब होली पर तुम ने यूं मुझ को रंग से रंग डाला
रंग गई तेरे ही रंग में जब प्यार से पानी डाला
छूट गई मेरी सखियां जब खेली तेरे संग होली
यादें तेरी खेल रही हैं -------
आई है अब याद तेरी मुझ को साजन होली पर
थम गई है ये दुनियां मेरी आके इस रंगोली पर
बिन साजन कैसे मैं खेलूं यूं गैरों के संग होली
यादें तेरी खेल रही हैं -------
अब तो होली पे साजन ये यादें तेरी तड़पाएंगी
मेरे मन के आँगन में बस यादें तेरी रह जाएंगी
यह आंखें मेरी खेल रही हैं संग आँसू के होली
यादें तेरी खेल रही हैं ------
जब-जब आएगी होली ऐसे ही मुझे रुलाएगी
रंग जैसे ही बरसेगा मुझे याद तुम्हारी आएगी
बरस गए ये मेरे नैना जब खेली यादव ने होली
यादें तेरी खेल रही हैं -------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है