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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अगर मर्द आ गया तो? (Part 1)

अगर मर्द आ गया ज़िंदगी में,
तो क्या होगा बहनजी?
क्या आपके आँसू पे अब GST नहीं लगेगा?
क्या अब भावनाओं की EMI माफ़ हो जाएगी?

कहा —
“मर्द आएगा तो साहारा देगा…”
जैसे कंधे नहीं, क्रेडिट कार्ड चाहिए आपको?

“वो मुझे समझेगा…”
अरे दीदी, मर्द अगर औरत को समझ जाए,
तो दो ब्रह्मांडों की भौतिकी बदल जाए!

“मर्द आएगा तो सुरक्षा मिलेगी…”
हा!
जैसे कोई ‘Firewall’ हो —
जिसे Activate करते ही
भूख, भय और बलात्कार मिट जाए!

मर्द आएगा —
तो अब हर काम में “कृपा” होगी,
“मैंने तो इज़्ज़त दे दी, अब और क्या चाहिए?”
जैसे तुम कोई
’NGO की फ़ाइल हो जिसे “पास” कर दिया गया हो!

वो बोलेगा —
“तुम बहुत बोलती हो…”
मतलब?
अब आत्मा को भी Mute करना पड़ेगा?

“मैं जो कहता हूँ वही सही है”,
क्योंकि जन्म से ही उसके पास
Logic का लिंग प्रमाणपत्र होता है।

तुम्हारे सपने?
उन्हें वो “हॉबी” बोलेगा।
तुम्हारी मेहनत?
“समय पास” कहेगा।
तुम्हारे आँसू?
“ड्रामा” समझेगा।

और अगर कभी तुमने कह दिया —
“मैं थक गई हूँ…”
तो बोलेगा —
“तुम करती ही क्या हो?”

मर्द आएगा तो क्या होगा बहनजी?
बस इतना कि
तुम्हारे होने को फिर से साबित करना पड़ेगा।
हर दिन, हर बहस, हर साँस में
“स्त्री” की योग्यता का प्रमाणीकरण होगा।

तो सोच लो —
मर्द आ गया तो क्या हो जाएगा?

शायद कुछ नहीं…
बस एक और
“तुम”
कम हो जाओगी।




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