मैंने देखा है बादलो के ऊपर आसमान।
बादलों मे तस्वीर बनाना उस का काम।।
तुम हकीकत नही अब तो हसरत मेरी।
ख्वाब मे मिलती तो हो यही मेरा ईनाम।।
तुम्हें पता होगा मेरी जिन्दगी का उसूल।
दोस्त होते गर 'उपदेश' बढ़ाते तेरा दाम।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad