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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - उनवान क्या रक्खें हम अनाम ज़िंदगी के

"ग़ज़ल"

उनवान क्या रक्खें हम अनाम ज़िंदगी के!
राख नहीं तो ख़ाक है अंजाम ज़िंदगी के!!

चाहे जितना तुम कर लो एहतमाम ज़िंदगी के!
हैं बुढ़ापा और लाचारी इख़्तिताम ज़िंदगी के!!

ये बचपन लौटता है न जवानी लौटती है!
कभी लौटते नहीं सुबह-ओ-शाम ज़िंदगी के!!

ये ज़िंदगी जैसी भी है मिलती है बस एक बार!
करना पड़ता है सब को एहतराम ज़िंदगी के!!

अगर दिल नहीं लगाया तो फिर क्या किया यारों?
प्यार मोहब्बत इश्क़ हैं इन'आम ज़िंदगी के!!

शिद्दत से जियो मुझ को अगर जीना चाहते हो!
हम सब के लिए है यही पैग़ाम ज़िंदगी के!!

सफ़र ख़्वाब उम्मीद या एक अन-सुलझी पहेली!
'परवेज़' न जाने कितने हैं नाम ज़िंदगी के!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad

The Meanings Of The Difficult Words:-
*उनवान = शीर्षक (title); *अनाम = नाम-रहित (nameless); *ख़ाक = मिट्टी (dust);




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

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मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, परवेज जी, सचमुच जिंदगी के न जाने कितने नाम हैं।हर शेर में जिंदगी की खूबसूरत व्याख्या। वाह!! 👌🌹🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बहुत खूब परवेज़ जी..भाव विभोर करती पंक्तियाँ

शिवचरण दास said

बहुत खूब. ..जिन्दगी के आलम भी निराले हैं. .काम भी निराले हैं

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, मनोज जी! बहुत-बहुत नवाज़िश आपकी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, उपदेश जी! बहुत-बहुत इनायत आपकी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, दास जी! मेहरबानी आपकी! ❤️🙏

सुभाष कुमार यादव said

बेहद खूबसूरत ग़ज़ल। लाजवाब।👌🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, सुभाष जी! ❤️🙏

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