हे छठी मईया
मिटा दी दर्द दुःखवा
की जोड़े जोड़े कल सुपवा
चढ़ाईंब हो
भोरे भिनसरवा
हे छठी मईया..
घवद करवा के
उखवा के कोशिया
की नदी तीरे दियवा
जीवाएम हो
हे छठी मईया...
बड़ा हीं कठिनवा से
कइनी पूजना
सूरज के रे बेरवा हो
गईया के गोबरा से
घटवा लिपवनी
हरि हरि बांसवा के
बहंगिया बनवनी हो
हे छठी मईया...
देही दी आशिष्वा
दुनू कर ज़ोडवा
ई करेनी कोशिशवा कि
हर साल रउरे बरतवा
हम करेनी हो
हे छठी मईया..