कि चाहत में दूरी ये अच्छी नहीं,
तक़ल्लुफ न इतनी किया कीजिए !!
है बेशक़ मिला दिल हमारा सनम,
कभी तो गले मिल लिया कीजिए !!
बात नज़रों में कब तक रहेगी टिकी,
दो क़दम पास भी तो लिया कीजिए !!
ये वो दरिया है भरता है मिलकर सनम,
यूँ न आहें अकेले भरा कीजिये !!
बारिशों के बिना है ये सूना जहाँ,
बात इतनी कभी तो समझा कीजिए !!
बाद मुद्दत के मिलकर भी क्या फायदा,
करना है कुछ उसी पल किया कीजिए !!
- वेदव्यास मिश्र की फिर उसी 😍कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




