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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

फिर देखना झख मार के दुनियां तेरे पीछे आयेगी...

तारीफ़ किए अपने कर्मों की उम्मीद ना रक्खो।
बस मेहनत करने की भूख और जज़्बा रख्खो।
क्योंकि मेहनत किसी चीज़ की मुरीद नहीं होती है।
मेहनत करने वालों को एक दिन तारीफ़ ज़रूर मिलती है।
जीवन में तरक्की की बुनियाद यहीं रक्खी
मेहनत का फ़ल जो ना चखे कोई तो बिना इसके जीवन में कोई स्वाद नहीं चक्खी।
ये दुनियां तारीफों की पूल है।
ईनाम पारितोषिक बीखरें पड़ें है यहां वहा
बस इन्हें समेटने की कला आनी चाहिए।
बस कुछ नया करने खोजने की कवायद शुरू होनी चाहिए।
कौन कहता है कि दुनियां में बहुत कुछ असंभव है।
पर असंभव संभव नहीं होता तो तो यह असंभव संभव शब्द नहीं होता।
गर हो मज़बूत ईरादें अटूट हौसलें तो ऊंची उड़ानों को कोई ताक़त रोक नहीं सकतीं।
और तब तक हीं रोक पायेगा कोई खुद को तुम्हारी तारीफ़ करने से जब तक तुम्हारी मजबूत इरादें सबकुछ हासिल कर नहीं लेती ।
सो ध्यान इधर उधर ना भटकाओ
जीवन की सही राह पाओ।
मंज़िल फतह कर लो
फिर ख़ुद ब ख़ुद सबकुछ हासिल हो जायेगी।
फिर देखना झख मारके दुनियां तेरे पीछे भागेगी।
फिर देखना झख मार के दुनियां तेरे पीछे आयेगी...
फिर देखना झख मार के दुनियां तेरे पीछे आयेगी....




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Anand Sir Kya Kahne hain, Bahut Jajba hai aapki Rachna M, kabile Tareef.. Pranam Sweekar Karein 🙏🙏

Shyam Kumar said

Bahut sahi kha anand bhai... hmari mehnat hi hame shikhati or dunia m ek tarif or ijjat ki jindagi dilati ha. Hmara kamyab hona bahut jaruri ha. Kyoki ijjat insan aapki nahi aapki position ki krta hai.

रमेश चंद्र said

Bilkul...khud ko itna kabil bna lo ki log aapke baare m janne ke liye majbur ho jaye. Bahut achaa likha.

Komal Raju said

Thik kha...aage bdthe rhiye muskrate rhiye. Khte hain suraj tab bhi niklta ha jab lakho log soye rhte hain. To dyan sirf apne kendra pr rkho.

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