जीवन लीला,
खाली हाथ उत्पत्ति ,
देहांत खाली !
जीवनकाल ,
टेढ़ी पगडंडियां ,
हौंसला रख !
सुखदुख एक ,
जीवनपथ डेरा ,
चलते रहो !
धूप औ छांव ,
सिक्के के दो पहलू ,
सादा जीवन !
ये रिश्ते नाते ,
अर्चित निर्वहन,
हे भगवान !
✍️✍️✍️ राजेश कुमार कौशल
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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जीवन लीला,
खाली हाथ उत्पत्ति ,
देहांत खाली !
जीवनकाल ,
टेढ़ी पगडंडियां ,
हौंसला रख !
सुखदुख एक ,
जीवनपथ डेरा ,
चलते रहो !
धूप औ छांव ,
सिक्के के दो पहलू ,
सादा जीवन !
ये रिश्ते नाते ,
अर्चित निर्वहन,
हे भगवान !
✍️✍️✍️ राजेश कुमार कौशल