🧀🧈🧇🥖🍞🥪🍰
सिर्फ मसला
दो जून रोटी पानी
इमाँ फिसला !
🧀
लोभ की थाली
नहीं भरने वाली
सदैव खाली !
🧈
जनता जाने
चेहरा पहचाने
बेसुरे गाने !
🧇
मत ले बंदे
पतित वोट चंदे
छोड़ ये धंधे !
🥖
न कर शंका
चापलूसी का डंका
फूंकेगा लंका !
🥪
भौंरों का छत्ता
क्षणभंगुर सत्ता
टूटता पत्ता !
🍰
फसाद दंगा
यूँ ही पंगा अड़ंगा
फल न चंगा !
🧀🧈🧇🥖🍞🥪🍰
✒️@₹!जेश कुमार कौशल
(स्वरचित/मौलिक: 06/05/2025)