एक-दिन का ,
राजा-वोटर धरे ,
ताज़ सर - पे !
लोकतन्त्र में ,
मतदाता - विधाता ,
भाग्य - लेखक !
अमूल्य - वोट ,
जागरूक - वोटर ,
देश - उज्ज्वल !
वोट है तेरा ,
मौलिक - अधिकार ,
डर काहे का !
डंके की चोट ,
पर सौ- प्रतिशत ,
हो मतदान !
आयेंगे सभी ,
तेरे घर-द्वार पे ,
मांगने वोट !
आपका मत - ,
दान है महादान ,
औचित्य देख !
तेरा 1 वोट ,
बिठाएगा कुर्सी पे ,
जिसे तू चाहे !
तू अधिकृत ,
लिख दे वसीयत ,
सत्ताधीश की !
निष्पक्ष रहो,
ऐच्छिक ईवीएम ,
बटन दबा !
याद रखना ,
मतदान के दिन ,
जा वोट डाल !
✒️ राजेश कुमार कौशल
[हमीरपुर,हिमाचल प्रदेश]