इंसानियत का दीप जलाएं
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात"
आओ मिलकर इंसानियत का दीप जलाएं,
हर दिल में प्रेम की एक ज्योति जगाएं।
नफरत की आंधी में बुझने न दें इसे,
करुणा के जल से हर पल सींचें इसे।
भेदभाव की दीवारें अब हम गिराएं,
हर चेहरे में एक अपनापन पाएं।
दुखियारों के आँसू पोछें प्यार से,
खुशियों के रंग भर दें संसार में।
भूखे को रोटी दें, प्यासे को पानी,
हर बेसहारा की बनें हम कहानी।
इंसानियत ही धर्म हो अपना,
प्यार भरा हो जीवन का हर सपना।
तो उठो साथी, कदम बढ़ाओ,
हर मन में इंसानियत का दीप जलाओ।
यह दुनिया तभी बनेगी गुलशन,
जब हर दिल में जागेगा यह रोशन।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




