हमे तो हाज़िर - जवाबी आती नहीं,
पर आपकी हाज़िर - जवाबी का कोई जवाब नहीं।
एक एक लफ़्ज़ ऐसे चुन - चुन सजाते हो,
मानो आपके जैसा और कोई शायर नहीं।
शायराना अंदाज़ में सवालात करते हो,
और पूछे कोई तुमसे, तो शायरी में ही जवाब देते हो।
हैरान रहते है हम आपकी बेमिसाल शायरी से,
ख़याल यही चलता है
कि आख़िर कैसे आप इतना खूबसूरत लिख लेते हो।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️