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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जीते हैं..वजह तुम हो - शायराना गीत - वेदव्यास मिश्र

जीते हैं..वजह तुम हो,
पीते हैं..वजह तुम हो !!
लिखते हैं..वजह तुम हो,
हँसते हैं..वजह तुम हो !!

वजहें तो ज़रूरी हैं,
दिल धड़कने के लिए यारो !!
इक डोरी है जो नाव बँधी,
रूकने की वजह तुम हो !!

इस दुनिया में जीने की,
वजहें बनाये रखिये !!
खुमारी उतारने की..,
इक और वजह तुम हो !!

है रूह से या.. ज़िस्म से,
कुछ भी ख़बर नहीं !!
मैं हो चुका लबालब,
डूबने की वजह तुम हो !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (14)

+

Muskan Kaushik said

Waah...bahut khub taaliyan 👏👏👏

Maahi Singh said

इक डोरी है जो नाव बँधी, रूकने की वजह तुम हो !! Bahut sundar lines. Mujhe aapki rachna bahut pasand aai sir.

रमेश चंद्र said

Are waah mishra ji...kamal ke shayar hain aap to. Bahut sundar abhivaykti.

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

प्रणाम स्वीकार करें आचार्य जी, यह बिलकुल ठीक लिखा वजह तुम हो Ups and Downs, Everything is Fine बस वजह तुम हो

Vineet Garg said

आपने नाम नहीं बताया श्रीमान कि वह वजह कौन है अति उत्तम अभिव्यक्ति, प्रणाम 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Muskan Kaushik जी, शुक्रिया मैम शुक्रिया आभार..सहृदय नमन 🙏💝💝🙏

वेदव्यास मिश्र said

Maahi Singh जी, थैंक्स दिल से माही जी आपको !! इतनी सुन्दरतम लाइन को आपने रेखांकित किया है कि मैं नि:शब्द हो गया हूँ !! सचमुच इस लाइन में एक प्रेमी की आंतरिक और आध्यात्मिक तड़प उभर कर आई है !! यह प्राण है ..रूह है ..आत्मा है इस गीत की !! नमस्कार सहृदय 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

रमेश चंद्र जी, आभार सहृदय नमन हृदयप्रिय मित्र 🙏🙏 सच कहूँ तो, आपकी प्रतिक्रिया ही रचनात्मक ऊर्जा प्रदान कर रही है मुझे !! ये कुछ और नहीं, बस आपकी दुआओं का असर है !! पुन: शुक्रिया 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, जीने के लिए सचमुच कोई न कोई वजह होती ही हैं और होनी भी चाहिए !! आपकी संदर्भित प्रतिक्रिया ने मुझे रिचार्ज कर दिया है !! दिन भर की थकावट अब तरावट में बदल चुकी है !! नमन मेरे हृदयप्रिय अनुज अशोक जी !! स्नेहाशीष 💝💝

वेदव्यास मिश्र said

Vineet Garg जी, अगर नाम लूँ उनका तो दरअसल वो बदनाम हो जायेंगी !! फिर भी अपने काव्य, कहानी अथवा आलेख में कहीं सीमा तो कहीं संगीता, संध्या, दीपा, भावना नाम लिखकर अपने मन को संतोष कर लेता हूँ !! ये राज की बात है गर्ग जी, किसी को बताइयेगा मत क्योंकि इस लिस्ट में श्रीमती जी का नाम नहीं है !! प्लीज, इस राज को अपने तक ही सीमित रखियेगा !! आपने पूछा तो मैंने बता दिया !! आभार महोदय 🙏😍😍🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

लिखते हैं वजह तुम हो.... Correct

Vadigi.aruna said

Very nice

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, गज़ब की पारखी नज़र है रीना जी !! इसे कहते हैं..मजा आ गया ..लिखन्तु डाॅट काॅम यानि लिखने की वजह 👌👌

वेदव्यास मिश्र said

Vadigi.aruna जी, आभार सहृदय नमस्कार 🙏🙏

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