मिट्टी के खिलौने पकवान मिट्टी के।
घर भी मिट्टी के रहे जवान मिट्टी के।।
खेलने के दिनों में कारोबार कर रहे।
कच्ची उम्र के लाल जवान मिट्टी के।।
कद काठी के छोटे रहे काम बड़े बड़े।
लाचारी नही मन मैं जवान मिट्टी के।।
मिल जाये जो कुछ भी पेट भर लेते।
जिम्मेदारी निभाते 'उपदेश' मिट्टी के।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद