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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हाल -ए -दिल

तसव्वुर में तुमसे बात कर रही हूॅं,
बयां अपने सारे राज़ कर रही हूॅं।
मीलों दूर हो तुम मुझसे,
पर महसूस तुम्हें अपने पास कर रही हूॅं।

अब अपनी हर ग़ज़ल तुम्हारे नाम कर रही हूॅं,
यादों में तुम्हारी रात को दिन और दिन को रात
कर रही हूॅं।
बता नहीं सकती हाल - ए - दिल,
इसलिए अब बयां कविता में अपने जज़्बात
कर रही हूॅं।

आज तुम पर बड़ा नाज़ कर रही हूॅं,
तुमसे इश्क़ का आगाज़ कर रही हूॅं।
पर ठीक नहीं यूं दिन - रात तुम्हारी याद में
खुद को डुबोना,
इसलिए अब तसव्वुर - ए - इश्क़ से खुद को
दरकिनार कर रही हूॅं।

:- रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Supriya sahu said

वाह...बहुत ही खूबसूरत एवं लाज़वाब रचना मैम 👌😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया प्रणाम🙏😊

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thank you 😊🙏

Shiv Charan Dass said

वाह वाह. ..एक अलग ही रंग है दरकिनार

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji abhar apka 🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुंदर रीना जी 👌👌👏👏क्या ख़ूबसूरती से शब्दों को भावनाओं में पिरोती हैं आप ❤️❤️

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thank you ji itni khubsurat pratikriya liye

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत और लाजवाब रचना आपको सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद! आपको भी सादर नमस्कार

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

लाजवाब रचना, शब्दों की सुंदर कारीगरी, प्रीत की अमृतमयी भावनाओं का सुंदर प्रस्तुतिकरण। वाह! बस, खुद को दरकिनार मत कीजिए।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya 🙏😊

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