इस कदर स्वार्थी न बना करो
किसी की इबादत का
मज़ाक न किया करो
बेहद कीमती वक्त के संग चला करो !!
भावनाएं ज़िंदा रख
सम्मानित उसे किया करो
क्या पता सांसे कब रुक जाएं...
आदर भाव का स्नेही झरना बना करो !!
छोटे पहलुओं को गले लगाकर
खुशी भरे पल बांट लिया करो
ज़िंदा है तो सहना पड़ेगा...
हर एक अंदाज़ को समझा करो !!
गए तो ख़त्म एक कहानी
सौगात की भेट दिया करो
जाएं तो लोग भी कहे....
अरे... क्या बंदा था शान से जिया करो !!