उड़ गए हैं दूर जब से प्यार के परिंदे
खा रहे हैं दिल हमारा दर्द के दरिंदे
सहने को दर्द बाक़ी है अब भी बहुत
कसर बाक़ी नहीं रखते दर्द के दरिंदे
चाहते हैँ खाना हमको एक झटके में
अर्जी कहाँ सुनते हैं मेरी दर्द के दरिंदे
आखिरी सा सांस हर लगता है अपना
इस कदर ज़ालिम हुए हैं दर्द के दरिंदे
दास दर्द भी सरूर सा लगने लगा अब
लगने लगे हैँ यार अब तो दर्द के दरिंदे II