कोई माने या न माने, मैं देता नही सफाई।
तेरे करीब से, जानी पहचानी खुशबू आई।।
कितने दिन बाद मिल रहे, दो दिल प्यासे।
प्यार तुम्हारा छलका, प्यास लबो पर आई।।
नजर मिली, रूप खिल गया मधुबन जैसा।
आँचल सरका जैसे, 'उपदेश' ने ली अंगड़ाई।।
नाच रहा मन, व्याकुल होती गजल हमारी।
मस्ती छलकी, हवा कमरे की फिर गरमाई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




