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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मदद ना मिली

तुमने सोचा तुम आज मदद मेरी ना करोगे,
तो काम मेरा ना होगा।
ये ग़लत फहमी है जनाब आपकी,
आपकी मदद के बिना भले ही आज काम
रुक जाए पर कल ना रुकेगा।

हमेशा से यही होता आया है साथ मेरे,
मदद सभी से मांगी पर मिली किसी से नहीं।
और देर से ही सही पर काम पूरा हुआ मेरा,
अपनी खुद की कोशिश से ही।

अभी-अभी पिछले कुछ दिनों में भी यही हुआ है,
अपने काम को पूरा करने के लिए
ज़रूरत पड़ी किसी की मदद की।
पर जो खुद को हमारा जिगरी बताते थे
उन्होंने भी साथ दिया नहीं,
और आज वही हमेशा की तरह अपना काम
पूरा किया अकेले खुद ही।

✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर उलाहना दे रही हो मेरी प्यारी बहना, वैसे तो ईश्वर भी उसी की मदद करता है जो अपनी मदद स्वंय करता है, लेकिन अगर दुसरों से मदद मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है। इसके लिए आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी शुक्रिया आपका

कमलकांत घिरी said

वाह बहुत खूब दीदी जी, अपना काम स्वयं किए ये तो और भी अच्छी बात है, लेकिन किसी पे कोई उम्मीद की जाए और वो उम्मीदों पे खरा न उतरे तो थोड़ी तकलीफ तो होती ही है, बहुत सुंदर लिखा आपने👌🥹प्रणाम आपको🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

थोड़ी नहीं बहुत तकलीफ होती है भाई पर हम सब कुछ भूल खुशी खुशी आगे बढ़ जाते हैं और उस इंसान की उस बात को हमेशा याद रखते है....

वन्दना सूद said

सही लिखा आपने आजकल की reality यही है

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी शुक्रिया आपका

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पुस्तक समीक्षा: "The Flower of Word" (Hindi) - By Vedvyas Mishra

Oct 17, 2024 | आलेख | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 578,390
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