तुमने सोचा तुम आज मदद मेरी ना करोगे,
तो काम मेरा ना होगा।
ये ग़लत फहमी है जनाब आपकी,
आपकी मदद के बिना भले ही आज काम
रुक जाए पर कल ना रुकेगा।
हमेशा से यही होता आया है साथ मेरे,
मदद सभी से मांगी पर मिली किसी से नहीं।
और देर से ही सही पर काम पूरा हुआ मेरा,
अपनी खुद की कोशिश से ही।
अभी-अभी पिछले कुछ दिनों में भी यही हुआ है,
अपने काम को पूरा करने के लिए
ज़रूरत पड़ी किसी की मदद की।
पर जो खुद को हमारा जिगरी बताते थे
उन्होंने भी साथ दिया नहीं,
और आज वही हमेशा की तरह अपना काम
पूरा किया अकेले खुद ही।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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