चोरी-चोरी चुपके-चुपके ,
दिल में छुपाया प्यार।
नज़रों से छिपाया,
मगर है दिल में बेकरार।
मन ही मन ये ख्वाब बुनता,
मिलने की आस लगाए।
चुपके से मिलना,
फिर बिछड़ जाना।
ये खेल निभाए,
रात के अंधेरे में।
चाँदनी की रौशनी में,
तू ही तू दिखता।
हर कहीं तू ही लगता है,
दिल की धड़कनें बढ़ जातीं।
तेरा नाम लेती हैं,
चुपके से आँसू बहाती है।