थोड़ी भी शर्म नही क्या-क्या बातें करेंगे लोग।
यह घर तुम्हारा घर नही देख कर जलेंगे लोग।।
जिस गली से आए हो चबूतरे खाली नही रहते।
अनजान किसी को देख खुसुर-पुसुर करेंगे लोग।।
बेपर्दा करने पर अमादा लग रहे हो तुम जनाब।
मेरे बारे में थोड़ा सा सोचो इधर-उधर हंसेंगे लोग।।
हिदायतें मानोगे नही तो बदनामी हमारी 'उपदेश'।
आगे फिर कभी देखेंगे ताने भरपूर कसेंगे लोग।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




