नहीं चाहते हम अपनी कला में कोई समझौता,
इसीलिए अपनी कला को छुपाए हुए हैं।
गर खुलेआम करने लगे हम कलाकारी
तो मिट जायेगी वो बेचारी,
इसीलिए अपनी कला को अपने पास ही
महफ़ूज़ रखे हुए हैं।
नहीं चाहते हम अपनी कला में कोई समझौता,
इसीलिए अपनी कला को छुपाए हुए हैं।
मंज़ूर नहीं हमे कि हमे हमारी कला को भूलना पड़े
हमे हमारी कला के बग़ैर जीना पड़े,
इसीलिए अपनी कला को अपनी डायरी
में दबाए हुए हैं।
नहीं चाहते हम अपनी.........!
इसीलिए अपनी कला.........!
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




