एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है,
मेरे न होने मेरी यादें उसे बेवक्त सताती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
ओ हमसे दूर है अब बातें नहीं होती हमारी,
मिलना तो बिल्कुल खत्म सा हो गया है,
पर मेरे सपनों में मुझे गहरी नींद से जगाती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
रात के खामोश पलों में उसके हुंकार सी आती है,
किसी तनहा मोड़ पर उसकी हँसी मुझे पुकार जाती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
उसके ख्यालों का सफ़र अनसुने रास्तों पर ठहरता है,
कभी काग़ज़ की तरह वहीं पलक पे जम जाता है,
और हर साँस में उसका नाम शबनमी लहराती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
वो छोटी-छोटी बातों में मेरी दुनिया बुनती रही,
मेरे उजले कल के नक्शे दिल पर खींचती रही।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
जब भी कहीं मैं गुम, उसकी दुआ आवाज़ बन आती है,
खुशियों की कोई ख़ुशबू अनकही फिर छा जाती है,
उसके आँसुओं में मेरी कोई शाम बिखर जाती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
हमने जो वादे किए थे, हवा में दिये थे शबनम,
वो आज भी उन्हीं राहों में किसी मोड़ पे मुस्कराती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
कभी गलियों के किसी कोने में उसका साया ढूँढा मैंने,
कभी पुराने संदेशों में उसका हाथ थामा मैंने,
पर वह पल फिर से लौट कर मेरे सीने से टकराती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
वक्त के पन्नों पे उसके नाम के अक्षर सुनहरे हैं,
हर जख्म के पार उसका सहारा मेरे सेहरे हैं।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
वो खामोशी भी उसकी जुबां सी कुछ कह जाती है,
और तन्हाई की दिवारें भी उसकी याद में सिमट जाती हैं,
उसकी चाहत मेरे भीतर की हर दुआ बन जाती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
कभी लौट कर आए तो सोचूँगा मैं फुर्सत से,
उसके खिले हुए चेहरे को समां दूँ अपनी बात से।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
पर यदि न आए तो भी, उसका नाम मेरे साथ है,
उसकी चाहत की गर्मी मेरे दिल में बरसात है,
और उसके बिना भी वो सदा मेरे गीतों में रहती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।
(फिर से) एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है,
मेरे न होने मेरी यादें उसे बेवक्त सताती है।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है —
उसकी चाहत का उजाला कभी फीका न होगा मेरा,
क्योंकि किसी खामोश सुबह में, किसी अँधेरे से आगे,
वो मेरे होने-न होने से परे, बस चाहती ही रहेगी।
एक लड़की है जो मुझे हद से ज्यादा चाहती है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




