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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मानवता का बोझ

मानवता भी अब भारी लगती है लोगों को,
जैसे किसी मज़दूर के कंधे पर
बिना मजदूरी का गट्ठर रख दिया हो।

कहते हैं—
“क्यों मदद करते हो दूसरों की?
क्या उन्होंने तुम्हारे लिए आसमान से रोटी बरसाई?”
मानो प्रेम अब सौदे में तौला जाने लगा हो।

जिसने भूखे को पानी दिया,
वह मूर्ख कहलाया।
जिसने गिरे को उठाया,
वह बेकार साबित हुआ।
और जो सब पर हँसता रहा—
वही चतुर, वही सफल कहा गया।

आजकल इंसानियत
सिर्फ किताबों में सजती है,
मूर्ति बनकर मंदिरों में टिकती है,
पर सड़कों पर चलते-फिरते इंसान के भीतर—
यह सबसे भारी बोझ बन गई है।

सच पूछो तो—
रोटी की भूख झेल सकते हैं लोग,
गालियाँ सुन सकते हैं,
लेकिन किसी का दर्द बाँटना?
वह तो जैसे पहाड़ ढोने से भी कठिन है।

क्योंकि यहाँ हर कोई चाहता है—
सिर्फ अपने आँचल में सुख की गठरी,
दूसरे का दुःख—
कंधों पर काँटे जैसा चुभता है।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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सरिता पाठक said

बहुत सुन्दर रचना, ह्रदय स्पर्शी सचमुच मानवता अब शून्य हो गयी है aapka ह्रदय बहुत सुन्दर, निश्छल है जो हर मानव और खास तौर पर नारी ke ह्रदय ह्रदय की पीड़ा को महसूस कर पाती हैं। आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

मानव के दुखी होने का मुख्य कारण यही है कि उसे मानवता बोझ लगती है। जिस दिन वह दूसरों की मदद करके खुश होता है,उस दिन स्वयं की जिंदगी मानों स्वर्ग में विचरण करती है।जिस दिन इस बात को महसूस करने लगेंगे धरती स्वर्ग बन जायेगी।🙏🙏

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