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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

ये मेंहदी तेरे हाथों की

कापीराइट गजल

लगती है प्यारी-प्यारी, ये मेंहदी तेरे हाथों की
संग ले गई नींद हमारी, ये मेंहदी तेरे हाथों की

ऐसा क्या है इस मेंहदी में, ले गई चैन हमारा
कर गई हमको दीवाना, ये मेंहदी तेरे हाथों की

मैं हूं अन्जान मुसाफ़िर तेरे प्यार की राहों का
गर मैं पा जाता एक स्पर्श ये गोरे-गोरे हाथों की

ये फूल पत्तियां मेंहदी की, छू गई मेरे दिल को
खिल गई है रंगोली सी, ये मेंहदी तेरे हाथों की

अपनी सुध-बुध भूल गए, देख के तेरी मेंहदी
कर गई है खामोश हमें, ये मेंहदी तेरे हाथों की

हम डूबे ख्वाब ख्यालों में सोच के ऐसी मेंहदी
कितनी प्यारी खुशबू है इन मेंहदी वाले हाथों की

छू गया मेरे दिल को, प्यार का ये संगीत नया
कितनी तारीफ करूं मैं इन मेंहदी वाले हाथों की

नजरें इनायत हो जाती हम पे एक बार तुम्हारी
अब छोड़ो ये नादानी, कदर करो जज्बातों की

न जाने कब होगी पूरी, ख्वाहिश ये यादव की
काश छुअन मिल जाती, हमको तेरे हाथों की

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

श्रेयसी said

Waah kya baat hai gajab👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सुप्रभात एवं सादर प्रणाम मेरी प्यारी बहना। आपको गजल अच्छी लगी इसके लिए आपको आभार सहित प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत said

इसे कहते हैं दिल से दिल का रिश्ता, बहुत सुंदर रचना। हमारी मेंहदी से तो कई गुना खूबसूरत है आपकी मेंहदी....👌👌👏👏✍️✍️🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद एवं सुप्रभात सहित नमस्कार मेरी प्यारी बहना, येगजल खूबसूरत हो सकती है मगर आपकी में।दी से अच्छी नहीं हो सकती। आपको सादर प्रणाम।

कमलकांत घिरी said

वाह सर जी क्या महकती मेंहदी है, इस कविता के माध्यम से मेंहदी की खुशबू मुझ तक पहुंच रहा है👌👌👏✍️🫶🙏।।प्रणाम।।🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत भाई इतनी सुन्दर समीक्षा के लिए। आपको सादर प्रणाम।

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