एक बार पीठ और छाती में
वाद विवाद होने लगा
छाती बोली
आदमी छाती चौड़ी करके चलता है
गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है
छाती में दिल होता है
छाती तीर तलवारों के वार सहती है
चौड़ी छाती वीरों की
पीठ बोली
पीठ आदमी का आधार है
पीठ में रीड की हड्डी होती है
पीठ में नर्वस तंत्र होता है
पीठ में लोग छुरा खोप देते हैं
पीठ थप थपाई जाती है
पीठ में शाबाशी दी जाती है
कुश्ती में पहलवान की पीठ लग जाती है
गरदन बोली
तुम दोनों पड़ोसी हैं
तुम अग्र साइड हो
तुम पृष्ठ साइड हो
तुम मंच संभालती हो
तुम नेपथ्य संभालते हो
दोनों का अपना अपना महत्व है
दोनों मिल कर शरीर निर्माण करते हैं