कापीराइट गजल
छूना है यह आकाश अगर तुझ को आगे बढ़ना होगा
खुद को साबित करने को ये विमर्श नया गढ़ना होगा
अब छोड़ो तुम पीछे रहना सीखो सब से आगे रहना
छोड़ के अब आलस्य को तुम्हें आगे ही बढ़ना होगा
नए ख्वाब और नए जोश से करना होगा काम तुम्हें
अपने हर सुख दुख को भी एक तरफ रखना होगा
नए स्टार्टअप नई योजना जब भी तुम अपनाओगे
चुनने होंगे ख्वाब नए हर ख्वाब में दम भरना होगा
अगर चुनने हैं ख्वाब नए
एक काम तुम्हें करना होगा
स्वामी विवेकानंद के संग उसके पथ पे चलना होगा
रक्त की जगह नस-नस में यह दौड़ें केवल सपने तेरे
सपना हासिल करने के लिए एक लक्ष्य चुनना होगा
सपने देखो, सपने पहनो, औढ़ के सपने तुम चलना
सपनों को पाने के लिए
अग्निपथ पर चलना होगा
मखौल उड़ाती है ये दुनियां मेहनत करने वालों का
जय जयकार करें सब तेरी कुछ ऐसा करना होगा
तेरे सफल हो जाने पर तुझे सलाम करेगी ये दुनियां
अब तेरे पीछे-पीछे यादव इस दुनियां को चलना होगा
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है