तुम्हारी आँखें बोलती हैं,
तुम्हारी ज़ुल्फें बोलती हैं,
तेरे होंठों की मुस्कान में,
हज़ारों क़िस्से बोलते हैं।
तेरे लबों से उतर के,
सारी खुशबू दिल में उतरती है,
तेरी एक नज़र जो मिल जाए,
तो सदियों की प्यास बुझती है।
तेरी चुप में भी इक साज़ है,
तेरे सांसों में भी नग़मे हैं,
तेरे इश्क़ की हर आहट,
मेरे दिल के क़रीब रहते हैं।
वेदव्यास मिश्र की शायराना💝कलम से..
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