इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
आप में आपका नहीं कुछ भी ।।
कह भी सकता था अलविदा हमसे।
उसने हमसे कहा नहीं .कुछ भी ।।
खुद को देखा है ढूंढ कर हमने ।
हमको खुद में मिला नहीं कुछ भी ।।
कितने टूटे हैं कितने बाक़ी हैं ।
ज़िंदगी से कहा नहीं कुछ भी ।।
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
आप में आपका नहीं कुछ भी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




