भूत निकला है, भविष्य कल तो, वर्तमान कहाँ ?
चिंता निकली है, चिता कल तो, जीवन कहाँ ?
शत्रुता निकली है, मित्रता कल तो, रिश्ता कहाँ ?
खुशबू निकली है, भंवरा कल तो, फूल कहाँ ?
दुख निकला है, सुख कल तो, अश्रु कहाँ ?
कर्ता निकला है, कर्म कल तो, लक्ष्य कहाँ ?
हिंसा निकली है, अहिंसा कल तो, सज्जनता कहाँ ?
चंचलता निकली है, गंभीरता कल तो, कोमलता कहाँ ?
प्यासा निकला है, कुंआ कल तो, पानी कहाँ ?
क्रोध निकला है, शांति कल तो, मधुरता कहाँ ?
विफलता निकली है, सफलता कल तो, परिश्रम कहाँ ?
बादल निकले हैं, बारिश कल तो, धरातल कहाँ ?
अत्याचार निकला है, फैसला कल तो, इंसानियत कहाँ ?
परंपरा निकली है, आधुनिकता कल तो, मनुष्य कहाँ ?
बालक निकला है, बूढ़ा कल तो, तरुण कहाँ ?
सिपाही निकला है, रक्षा कल तो, मातृभूमि कहाँ ?
निर्धनता निकली है, वैभव कल तो, संतोष कहाँ ?
त्योहार निकले हैं, बधाइयाँ कल तो, खुशियां कहाँ ?
प्रभु निकले हैं, दिखावा कल तो, पवित्रता कहाँ ?
समय निकला है, पछताना कल तो, उपयोग कहाँ ?
भक्त निकला है, भक्ति कल तो, प्रेम कहाँ ?
पशुता निकली है, मनुष्यता कल तो, मानस कहाँ ?
धीरता निकली है, विश्वास कल तो, एकाग्र मन कहाँ ?
भूत निकला है, भविष्य कल तो, वर्तमान कहाँ ?