भाई
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डाॅ फौज़िया नसीम शाद
प्यार जैसा ही प्यारा होता है,
सारे रिश्तों से न्यारा होता है।
मोल इसका कोई नहीं होता,
प्राणों से भी भाई प्यारा होता है।
संग बचपन में खेल खिलौने,
सपनों में रचे सुनहरे कोने।
राखी के धागों में बंध जाता,
मन का हर कोना झूम उठाता।
कभी डाँट में भी छुपी मिठास,
कभी हँसी में बरसाती उल्लास।
मुश्किल राहों में ढाल बन जाए,
आँसू देख न खुद भी मुस्काए।
दूर सही पर दिल के पास रहे,
हर दुआ में उसका अहसास रहे।
जैसे साया धूप-छाँव में चलता,
भाई सदा संग-संग ही पलता।
प्यार जैसा ही प्यारा होता है,
सारे रिश्तों से न्यारा होता है।
मोल इसका कोई नहीं होता,
प्राणों से भी भाई प्यारा होता है।