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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आज वो

आज वो किसी का घर उजाड़कर अपना घर बना रहा है
आज वो किसी का घर उजाड़कर अपना घर बना रहा है,
आज वो किसी को रुलाकर बड़ा हॅंस रहा है।

उस नादान की हॅंसी सुन मैं भी हॅंसने लगी
आज वो जिस घर को बनाकर हॅंस रहा है, कल उसका वो घर भी उजड़ेगा
कल वो नादान भी रोयेगा।

आज वो किसी का घर उजाड़कर अपना घर बना रहा है,
वो नासमझ समझता नहीं कि वो क्या कर रहा है।

उसके इस किये की सजा
भगवान उसे ज़रूर देगा,
और तब वो पश्चाताप की आग में जलेगा।

आज वो किसी का घर उजाड़कर अपना घर बना रहा है,
किसी के सपनों को तोड़ अपने सपनों को सज़ा रहा है।

उस कमबख़्त की नियत तो देखो,
किसी की ज़िंदगी में दुःखों का सैलाब भर
उसकी खुशियों से अपना दामन सजा रहा है।

~ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

फ़िज़ा said

Bahut achha likha mam, aisa kariye aap uski pitayi lagakar akal thikane laga dijiye fir kisi ka ghar nahi ujadega. Happy sunday mam

रीना कुमारी प्रजापत replied

काश! कि हम ऐसा कर सकते फ़िज़ा आपा, उसने हमारा घर उजाड़ा पर हमने सब्र किया और फिर हुआ यूं कि घर बसा तो उसका भी नहीं वो भी खंडहर की तरह पड़ा है Happy Sunday

वन्दना सूद said

सही लिखा आपने 👏👏सबका मन जानता है वो क्या कर रहा है पर डर नहीं है किसी का उन्हें

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

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