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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

स्वागत बूंदों का

मन के किवाड़ खोल
दिल में उमंग भर
धरती के श्रृंगार के पावन सिंदूर का
छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का
स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का.....
धरती का जीव प्राण तेल ये बूंद
धरती के लिए वृक्ष जैसे बाती हैं
आई है प्रकाश ऋतु प्रकृति श्रृंगार ऋतु
छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का
स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का.....
जलती धरा में गिरे धार बन के बह चली
पेड़ो के पत्तियों को उजल धवल करती है
जड़ों में गिरे पेड़ो के प्राण फलो में मिठास
मानव और जीव को ह्रदय प्रिय लगती है
काहे बंद छतरी में घूमते हो आप सब
छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का
स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का.....
बड़ी दूर से हैं आई अपनो को छोड़ आई
तेरे पाप धोने को धरा पर आई है
करो श्रृंगार अपनी घरणी और मात का
लगाओ पेड़ और सजाओ इस धरा को
जीवन का आधार है जो धरा पेड़ बाग वन
जल बिन नही कल मानो इस बात को
व्यर्थ न बहाओ जल सहेजो हर बूंदों का
छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का
स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का.....




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

फ़िज़ा said

"स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का....." Bahut Khoob Swagat hai in pyari bundon ka aur aapki sundar si rachna ka.

Uday Kumar Shukla replied

धन्यवाद आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna prakriti dhara sab ko sanjokar kar rakhna hoga bahut khoob samjhaya mahoday

Uday Kumar Shukla replied

धन्यवाद आपका

Shyam Kumar said

Barish ka itna pyara swagat hoga to ye to yahi rh jayengi. Bahut khoob

Uday Kumar Shukla replied

धन्यवाद आपका

Manju Sharma said

Sundar abhivyakti 👏👏

Uday Kumar Shukla replied

आभार आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah bahut hi sundar susajjit kavya... saadar pranam hai aapko aur aapki lekhani ko Shriman...

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