तू, कुछ भी कर ले ,
तूझे, अपनी दिल में, बिठा रक्खा है
तेरे दिए ज़ख्मों को,
अब भी, हरा रक्खा है
बेवश, एक ही है, दिल मेरा
जिसमें, तेरी ही यादों को
सिर्फ, तेरी ही यादों को
सजा रक्खा है
मरना नहीं है,
जिंदगी अनमोल है
तेरे बिन ज़ीने का
कसम खा रक्खा है
एक तस्वीर है,प्रेम की
मेरे दिल में
उस तस्वीर के नीचे
तेरा नाम लिखा रक्खा है
लोग कहते हैं,
" ये पगली है"
पगलीपन को ही,अपना
जीवन बना रक्खा है।।
सर्वाधिकार अधीन है