शिक्षक एक बालक के मन को मनुष्य बना सकता है,
लेकिन समाज पहले उस शिक्षक की प्राथमिक आवश्यकताओं को समय पर पूरी कर दे,
हर शिक्षक के गले को पैसे नाम की तलवार ने अटका रखा है,
समाज इस तलवार को म्यान में रखें,
नहीं तो सीखने वाले के ज्ञान और चरित्र में धोखा और नीरसता ही रहेगी।
जब तक समाज एक शिक्षक को सहज नहीं रहने देगा,
तब तक विद्यार्थी का ज्ञान ही अज्ञात रहेगा।।
- ललित दाधीच।।


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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