सिर्फ खुशबू हैँ निरा अहसास हैं
उम्र भर गुलशन बहुत महकाएंगे
बंद मुट्ठी में नहीं होते हैं ख्वाब
हम तो खुशबू की तरह उड़ जायेंगे
जिन्दगी में दर्द होगा जब भी कहीं
वक्त पड़ने पे दवा से ही दुआ बन जायेंगे
क़त्ल कर लें लाख कोई कुछ नहीं होगा
शब्द हैं हम तो अमर हैं हम नहीं मर पाएंगे
गीत गज़लें छंद हैं हम प्यार की रुबाइंया
माँ बहन बेटी कभी प्रियतमा बन जायेंगे
रूप का सागर छलकता प्यार की सौगात लें
हार बन कर हम गले से आपके लग जायेंगे
आपकी मुस्कान पर क़ुरबान है ये जिन्दगी
आपकी खातिर तो हम हँसते हुए मर जायेंगे
हर अंधरे से लड़ेंगे अपनों की खातिर हमेशा
हम शमा हैं स्वयं जलकर रास्ता दिखलाएंगे
दास फिर भी आपको हमसे अगर शिकवा रहा
आग पर चलकर जमीं में गर्क हम हो जायेंगे II

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




