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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बयां करें

उनको फुरसत हो तो, अपनी मसरूफियत बयां करें..
कुछ उनकी नज़रे इनायत हो तो, जरूरत बयां करें..।

वो समझे कि ना समझे, ये तो हमारे हाथ नहीं..
जुबां से कुछ ना कहना, गर निगाह मुहब्बत बयां करे..।

बहुत मंसूबों के बाद भी, उनको कुछ कहने का हौसला न आया..
चलो अब इशारों में ही , दिल की कोई हसरत बयां करें..।

दुनिया तो बात–बात में, अपनी बात बदलती है..
इससे और ज़ियादा क्या, ज़माने की फितरत बयां करें..।

इस शहर में है यहां–वहां, सांसों के कितने ही सौदागर..
चलो हम खुदा के दर पर, सुबहो–शाम अपनी खैरियत बयां करें..।

पवन कुमार "क्षितिज"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

शिवचरण दास said

बहुत खूब. .खैरियत बयां करें. ..कैफियत बयां करें

इक़बाल सिंह “राशा“ said

लाजवाब पवन कुमार "क्षितिज" जी
हर शेर में जज़्बात और सादगी का ऐसा संगम है कि दिल खुद-ब-खुद झुक कर वाह कह उठता है। रूहानी एहसास को बहुत खूबसूरती से कलमबद्ध किया है।

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