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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अक्सर हम गायब हो जाते हैं

कापीराइट मुक्तक

अक्सर हम गायब हो जाते हैं ये कहते हैं लोग
ऐसे में लिखनतु पर हमें कहां ढूंढ़ पाते हैं लोग
जब हम परेशान थे निगौङे नेटवर्क की वजह से
इसकी लुकाछिपी में आपको याद आते हैं रोज
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Shiv Charan Dass said

लुकाछिपी अच्छी है

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सर, आपको सादर नमस्कार

श्रेयसी said

वाह गायब होने की वज़ह अच्छे से समझाया आपने, बहुत सुंदर सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Or apaki ye lukachipi hame bahut pareshan kar deti hai... Bahut sundar abhvyakti

Lekhram Yadav replied

मगर आपकी लुकाछिपी का क्या? इस से पहले की रचनाओं में आप कहीं नजर नहीं आए, आपको धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

😂वाह वाह बढ़िया अंदाज़ sir सबके सवालों का जवाब खूब दिया 👌👌

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद वन्दना जी सुप्रभात सहित नमस्कार ।

Supriya sahu said

अब लुकाछिपी मत करिए सर जी अब नेटवर्क में ही रहिए😁, बहुत सुंदर है हमारे सवालों का उत्तर👌👌,आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

आपका हुक्म सर आंखों पर, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

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