जिसका जवाब ना मिले वो सवाल क्या,
जो सुकून ना दे वो ख़याल क्या।
हमेशा हम ही याद करते आए तुम्हें,
आज याद तुमने किया तो उसमें कमाल क्या।
जो पिघला ना सके किसी दिल को वो जज़्बात क्या,
जो पूरा ना हो सके वो ख़्वाब क्या।
जब हर मुसीबत में साथ निभाया हमने आपका,
तो फिर इस दर्द भारी रात की बात क्या।
शायरों की शायरी का जवाब क्या,
कलाकारों को फ़न की सौग़ात क्या।
शायर ऐसे देखे हमने जो चंद लफ़्ज़ों में ही
महफ़िल में आगे लगा देते हैं,
ऐसे में हमारी पूरी ग़ज़ल की औक़ात क्या।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️