New लिखन्तु डॉट कॉम को विज्ञापन मुक्त बनाये रखने एवं इसके सहज, सरल एवं आसान सञ्चालन के साथ साथ तकनीकी रखरखाव के लिए आपका सहयोग सादर आमंत्रित है - इक्षुक सज्जन यहाँ सहयोग कर सकते हैं

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New लिखन्तु डॉट कॉम को विज्ञापन मुक्त बनाये रखने एवं इसके सहज, सरल एवं आसान सञ्चालन के साथ साथ तकनीकी रखरखाव के लिए आपका सहयोग सादर आमंत्रित है - इक्षुक सज्जन यहाँ सहयोग कर सकते हैं

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जब समझ आती हूँ

जब समझ आती हूँ मैं लोगों को,
तो बस एक अफ़सोस सी बात आती हूँ।
जैसे कोई भूली हुई किताब हूँ,
जो हाथ लगूँ तो सिर्फ़ याद आती हूँ।

वो जो कहते थे — “तू जिद्दी बहुत है”,
अब कहते हैं — “तू सच्ची बहुत थी…”
अब देर से मानते हैं मेरा वजूद,
मैं जब नहीं होती, तभी बहुत थी।

मैं जो थी, उन्हें खटकती रही,
मैं जो नहीं, अब वही सुहाती हूँ।
ज़िन्दगी भर जिसे ठुकराया गया,
मैं वही ठुकराई हुई बात आती हूँ।

कभी मेरी चुप्पी पे हँसते थे वो,
अब मेरी चुप्पी को पढ़ते हैं।
कभी मेरी बातों से डरते थे,
अब उन्हीं बातों में मरते हैं।

मैं कोई हसरत नहीं थी, जो पूरी होती,
मैं तो वो समझ थी — जो देर से आती हूँ।
तू जब समझा, मैं तब बिखर गई,
अब क्या करोगे? मैं अब कहाँ आती हूँ…

तेरे “काश” में जो टीस बसी है,
वो मेरे हर “अब नहीं” की सज़ा है।
तू जो कहता है — “तू ठीक थी शायद”,
वो तेरी सबसे ग़लत दुआ है।

अब मैं किसी किताब की आख़िरी पंक्ति हूँ,
जो समझ में आए — तो दिल जलाती हूँ।
जब समझ आती हूँ मैं लोगों को,
तो सिर्फ़ बहुत याद आती हूँ।




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Waah bahut khubsurat rachna... Dil ko chhu gai

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन